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बात बस इतनी सी थी / रविकांत अनमोल

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वो हमारे हो न पाए बात बस इतनी सी थी
और हमने सारी दुनिया से किनारा कर लिया

उनकी यादें अपने सपने दफन कर डाले कहीं
और खुद को बैठे-थाले बेसहारा कर लिया