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बामअ हाथे नून मरचै / अंगिका लोकगीत
Kavita Kosh से
♦ रचनाकार: अज्ञात
इस गीत में दुलहन की ननदें अपनी भाभी को युवती तथा अपने भाई को अबोध लड़का कहकर भाभी का मजाक उड़ा रही हैं।
बामअ<ref>बायें</ref> हाथें नून<ref>नमक</ref> मरचै<ref>मिर्च</ref>, दहिनअ<ref>दाहिने</ref> हाथें खीरा<ref>एक फल; ककड़ी की जाति का एक फल</ref> गे,
खीरखौकी के<ref>खीरा खाने वाली की बेटी</ref> बेटी।
तेॅ कनियाँ बतिसो जमान, मोर भैया खीराहुँक जारी<ref>खीरे के छोटी बतिया</ref> गे,
खीरखौकी के बेटी॥2॥
शब्दार्थ
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