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बारह बरस के हमरो उमरिया / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बारह बरस के हमरो उमरिया, तेरह बरस नेने जाय
खेलइ छलहुँ सुपती मउनियाँ, अझटे मे आबि गेल नेआर
सुपती मउनिरयाँ आंचर तर झांपल, सीता रूसली मुरछाइ
अपना महल सौं आमा बहार भेली, किए सीता रूसलि मुरछाइ
खेलइ छलहुँ सुपती मउनियाँ, अझटे मे आबि गेल नेआर
कोने निरमोहिया अम्मां दिनमा गुनलकइ, कौने निरमोहिया नेने जाय
कौने निरमोहिया अम्मां दिन मानि लेलकइ, कौने निरमोहिया नेने जाय
पंडित निरमोहिया रामा दिनमा गुनलकइ, ससुर निरमोहिया नेने आयल
बाबा निरमोहिया दिन मानि लेलकइ, भइसुर निरमोहिया डोलिया फनाय
से स्वामी निरमोहिया नेने जाय