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बारिश का तथ्य अनावरण / सुलोचना वर्मा / महमूद नोमान
Kavita Kosh से
आक्रान्त बारिश के प्याले में
चुस्कियों में संन्यासी
हर सावन मनाता है उत्सव आनन्द का
भिगो देता है बारिश का पजामा।
ढलती हुई साँझ है यह घर
इस घर की चहलक़दमी के बाद
पोखर में कर स्नान
काला कौआ बैठकर खूँटे के तार पर
झाँकता है झोले के भीतर!
महमूद नोमान की कविता : ’বর্ষার তথ্য ফাঁস’ का अनुवाद
मूल बांग्ला से अनुवाद :सुलोचना वर्मा
लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
বর্ষার তথ্য ফাঁস
আক্রান্ত বৃষ্টির পেয়ালায়
চুমুকে সন্ন্যাসী-
প্রতি শ্রাবণে মাতলামি করে,
ভিজিয়ে দেয় বর্ষার পাজামা।
উতরানি সন্ধ্যায় এ ঘর
ঐ ঘর পায়চারি শেষে,
পুকুরে স্নান করে
দাঁড়কাক খুঁটির তারে বসে
উঁকি মারে ঝলির ভেতর!