बारिश / पल्लवी त्रिवेदी
बारिश का होना केवल काले बादलों से बूंदों का गिरना थोड़े ही है
बूँदें बारिश नहीं होतीं
वे तो बारिश लाती हैं
बताऊँ, क्या होते हैं बारिश के मायने...
धड़कनों का मोर बन जाना है बारिश
बदन का मुस्कराहट बन जाना है बारिश
आँखों का जुगनू बन जाना है बारिश
बाहों का झप्पी बन जाना है बारिश
सड़कों का संतूर बन जाना है बारिश
पहाड़ों को कहवे की तलब उठना है बारिश
नदियों की गुल्लक भर जाना है बारिश
जंगलों का किलकारी बन जाना है बारिश
रांझों का जोगी हो जाना है बारिश
हीरों का नटनी हो जाना है बारिश
ख़ुदा के पैरहन का कच्चा हरा रंग छूट जाना है बारिश
रातों का झींगुर हो जाना है बारिश
धरती का खुशबू हो जाना है बारिश
सूरज का एक झपकी मार लेना है बारिश
रेनकोट के भीतर तरबतर हो जाना है बारिश
यादों की इक सूखी पत्ती का हरिया जाना है बारिश
आसमान का टिप-टिप हो जाना है बारिश
शहरों का छप-छप हो जाना है बारिश
मौसम का रिमझिम हो जाना है बारिश
रागों का घन-घन हो जाना है बारिश
नज्मों के चेहरों पर बूंदों का झिलमिलाना है बारिश
सीले ख़्वाबों का सुलग उठना है बारिश
मन का सबसे कच्चा कोना रिसने लगना है बारिश
बूढ़ी पृथ्वी के जोड़ों में इक कसक है बारिश
पुराने एल्बम पलटना है बारिश
ड्राफ्ट्स में सहेजा एक ख़त दसियों बार पढना है बारिश
गुलज़ार, पंचम और ब्लैक कॉफ़ी है बारिश
छतरी ठेले से टिका भुट्टे खाना है बारिश
और
तुम्हारा हौले से मेरा माथा चूम लेना है बारिश