बाल कविताएँ / भाग ४ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
तोता
सीटी सुनकर नाच दिखाए
कुतर-कुतर कर फल खा जाए ।
टें-टें करके गाता तोता
देख शिकारी झट उड़ जाए।
फल
सबसे मीठा और रसीला
सभी फलों का राजा आम।
एक सेब जो खाए रोज़
उसे बीमारी से क्या काम ।
नाशपाती, केला, अंगूर
पपीता भी खाओ ज़रूर
लीची, नारंगी अनानास
नींबू का रस सबसे खास ।
मोटूराम
कभी इधर तो कभी उधर को
चलते जाते मोटूराम ।
मोटर वाला भी चकराया
कहाँ जा रहे मोटूराम ।
बीच सड़क में घबरा करके
गिरे अचानक मोटूराम ।
चोट लगी घुटनों पर भारी
उठते कैसे मोटूराम
मेंढक जी
छाता लेकर मेढक निकले
जैसे अपने घर से।
गरज-गरजकर, घुमड़-घुमड़कर
बादल जमकर बरसे ।
भीगे सारे कपड़े उसके
हो गया तेज़ बुखार ।
कछुए ने दे दी दवाई
और लगे इंजेक्शन चार ।
सवाल
प्यारा-प्यारा चन्दा मामा
लिए साथ में आता तारे ।
पंख लगाकर सूरज आता
रोज़ सवेरे पास हमारे ।
तितली को सुन्दर रंगों के
ये कपड़े पहनाए किसने ?
ठण्डी-ठण्डी हवा चलाई
सुन्दर फूल खिलाए किसने ?