भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बाल कविताएँ / भाग ४ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तोता
सीटी सुनकर नाच दिखाए

कुतर-कुतर कर फल खा जाए ।

टें-टें करके गाता तोता

देख शिकारी झट उड़ जाए।


फल
सबसे मीठा और रसीला

सभी फलों का राजा आम।

एक सेब जो खाए रोज़

उसे बीमारी से क्या काम ।

नाशपाती, केला, अंगूर

पपीता भी खाओ ज़रूर

लीची, नारंगी अनानास

नींबू का रस सबसे खास ।


मोटूराम
कभी इधर तो कभी उधर को

चलते जाते मोटूराम ।

मोटर वाला भी चकराया

कहाँ जा रहे मोटूराम ।

बीच सड़क में घबरा करके

गिरे अचानक मोटूराम ।

चोट लगी घुटनों पर भारी

उठते कैसे मोटूराम


मेंढक जी
छाता लेकर मेढक निकले

जैसे अपने घर से।

गरज-गरजकर, घुमड़-घुमड़कर

बादल जमकर बरसे ।

भीगे सारे कपड़े उसके

हो गया तेज़ बुखार ।

कछुए ने दे दी दवाई

और लगे इंजेक्शन चार ।


सवाल
प्यारा-प्यारा चन्दा मामा

लिए साथ में आता तारे ।

पंख लगाकर सूरज आता

रोज़ सवेरे पास हमारे ।

तितली को सुन्दर रंगों के

ये कपड़े पहनाए किसने ?

ठण्डी-ठण्डी हवा चलाई

सुन्दर फूल खिलाए किसने ?