बाहर वो जहाँ भी काम करते होंगे
रहते ही तो होंगे वो झुकाए हुए सर
घर में भी न सर उठायेंगे तो सखी
रह जाएगा उनका दम न सचमुच घुटकर
बाहर वो जहाँ भी काम करते होंगे
रहते ही तो होंगे वो झुकाए हुए सर
घर में भी न सर उठायेंगे तो सखी
रह जाएगा उनका दम न सचमुच घुटकर