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बिदेसिया / कारमेन जगलाल
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{{KKRachna |रचनाकार=कारमेन जगलाल |अनुवादक= |संग्रह=
काहे हम आइलीन बिदेस
लोग हमें देशवा में भरमाया
रोटी के कारन कष्ट उठाया
ऐसन बुरा हाल न था देशवा के।
कहो हम आइलीन बिदेशिया
जहाँ सब कोई है अजनबी
यहाँ काई नहीं है अपना
देश छुटा छुटे बाप महतारी
काहे हम आइलीन बिदेशिया
सात समुंदर पार सब के छोड़ छाड़
अब आवे न कोई बिचार
हम हैं यहाँ बस लाचार।