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बिनु अर्थक मनोरथ / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बिनु अर्थक मनोरथ पुरयबै कोना
ओ जे दरभंगा बजार
घड़ी भेटय हजार
बिनु टाका के घड़ी बेसाहबै कोना
बिनु अर्थक मनोरथ पुरयबै कोना
ओ जे मधुबनी बजार
साइकिल भेटय हजार
बिनु टाका के साइकिल बेसाहबै कोना
बिनु अर्थक मनोरथ पुरयबै कोना
ओ जे समस्तीपुर बजार
सूट बूट भेटय हजार
बिनु टाका के ओ सब बैसाहबे कोना
बिनु अर्थक मनोरथ पुरयबै कोना
कनक धार खीर पौरल, हुलसि हुलसि मधु ढारल हे
गौरी सऽ थार बदल करू बर सऽ परसि मांगू हे
विधिकरी बड़ होशियार झट दए आंचर पसारल हे
लगाओल लौंग अड़ांची दए पान से वर के खुआओल हे
बर बड़ा होशियार मुठियहि पान दबाओल हे
भनहि विद्यापति गाओल उचित बर गौरी पाओल हे