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बिहारी भइया: च्यार चितरांम (1) / निशान्त
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अेक ई कोठड़ी में
रैवै बै पांच-सात भेळा
आखै दिन कमावै
आथण-दिनगै
बणावै रोट अर खावै
जमीन माथै ई सोय ज्यावै
साल-साल तांई
नीं ल्यै देस जावण रो नांव
लारै लुगाई-टाबर सो कीं है
पाण कियां जावै देस ?
दस रिपिया सैकड़ो
लियोड़ै उधार रो
जुगाड़ सोरै सांसां
थोड़ो ई बणै ?