बुराई करके भी जो लोग पछताया नहीं करते
ख़ुदा की रहमतों को वो कभी पाया नहीं करते
फ़ना तो एक दिन होना ही है फिर उससे क्या डरना
फ़ना से अक्लमन्द इंसान घबराया नहीं करते
सुकूं मिलता है इंसानों को बस अपने दिल के अंदर से
किसी के दर पे इसको मांगने जाया नहीं करते
अगर कुछ मांगना है ख़ुदा के दर से ही मांगें
कि इंसानों के आगे हाथ फैलाया नहीं करते
पहुंचते हैं वही इक रोज़ जा कर अपनी मंज़िल पर
हुजूमे-ग़म में भी जो लोग घबराया नहीं करते
खुशी का गीत भी गाओ किसी दिन 'शोभा कुक्कल जी'
ज़बां पर रोज़ दुख के गीत को लाया नहीं करते