बुरुण्डी को याद करते हुए / केटी निव्याबन्दी / अनिल जनविजय
मैं तुम्हें याद करती हूँ, बुरुण्डी !
नीले आकाश को चीरती हुई चिंगारी ! बादलों के साथ छेड़खानी करते हुए बीज ! सितारों में विश्वास करने वाले पुरुष !
स्वप्निल भूतकाल के सुखद और गर्म गीत हो तुम !
जहाँ की औरतों से आती है मक्खन की महक ।
उनके फूले-फूले स्तन। आकाशगंगा। खपच्ची जैसे पैरों को शान्त करती है ओस।
तुम्हें याद करती हूँ मैं
मेरे सपने। मोरंग (लाल बजरी) में घुले-मिले इस्पात की तरह मजबूत।
अभिमानी पुरुष, सीना फुला रहा है। भाले, कुदाल अभी भी नम जमीन पर पड़े हैं। चलना, नग्न, सूरज की ओर।
तितली लड़कियाँ। तितर-बितर, उड़ना। आसमान को रंगों से सराबोर।
ठिठक कर हंस पड़ी। गन्दा हंसी। मुक्त हंसी। हजारों की संख्या में हंसी।
मैं तुम्हें याद।
पक्के लोग। सच - लोग। मास्टरली लोग। फटा-लेकिन-पूरे लोग।
जेड, भागती हुई सुंदरता। एक ईर्ष्यालु, जंगली, मोहक सौंदर्य।
नबी की आंखों को जलाने का तरीका...
भूमि का एक छोटा सा टुकड़ा जिसने एक बार रीच को चुनौती देने की हिम्मत की।
मैं तुम्हें याद।
आपके पंख-शब्दों से पहले। अपने कागज-पुत्रों से पहले।
अपने खाली मैदान से पहले, आपके भटकते बच्चे।
टुकड़ों में अपनी गरिमा से पहले।
बेचने के लिए। प्रसिद्ध बुलेवार्ड के फुटपाथों पर।
मैं तुम्हें याद।
मेरे घुंघराले बालों के कोलाहल में।
स्याही में इन कांपते हाथों को सूँघते हुए।
मेरे अनमोल सपनों में, धूल से सना हुआ।
मेरे पसीने में। मेरी चीखों में। मेरे बुखार में। मेरी आखों में।
लटकता हुआ चौड़ा खुला, अर्धचंद्र से।
मैं तुम्हें याद करती हूँ
कल भी याद करती थी
बेशक कल भी करूँगी
आज सुबह भी तुम्हें याद किया था मैंने ।
मुझे याद नहीं ।
अँग्रेजी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब इसी कविता को मूल अँग्रेज़ी भाषा में पढ़िए
Ketty Nivyabandi
Remembering Burundi
I remember you.
A spark tearing the blue sky. Seeds flirting with clouds. Men confiding in stars.
A song held warm and snug, in dreamy backs. Women smelling of butter.
A swollen breast. The milky way. Dew quenching the splintered feet.
I remember you.
A dream. Kneaded with laterite and steel.
Proud men, chests bursting full. Spears, hoes laying still on the moist ground. Walking, naked, to the sun.
Butterfly girls. Scattering, flying. Soaking the heavens with colours.
Smothered laughs. Messy laughs. Free laughs. Laughter in thousands.
I remember you.
Poised-people. Truth-people. Masterly people. Cracked-but-whole people.
Jade, fleeing beauty. A jealous, wild, bewitching beauty.
The kind to burn a prophet’s eyes...
A tiny scoop of land that once dared defy the Reich.
I remember you.
Before your feather-words. Before your paper-sons.
Before your gaping ground, your wandering children.
Before your dignity in crumbs.
For sale. On the sidewalks of famished boulevards.
I remember you.
In the furor of my nappy hair.
In the ink snaking down these trembling hands.
In my precious dreams, powdered with dust.
In my sweats. In my screams. In my fevers. In my eyes.
Dangling wide open, from the crescent moon.
I remember you.
Yesterday still.
Tomorrow (of course).
This morning. I don’t know.