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बृद्धा पेंशन मारा मारी / छोटे लाल मंडल

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वृद्धा पेंशन मारामारी
बेटवा वनलै कपटी भारी,
की दापहरियो वैशाखी जेठ,
स्कूल जाय रहौ खेते खेत।

जव से नारी यारी वेटवा,
फुस फुस कान भरलकै खटका,
वहे गुरूजी हम्में चटिया
मारै धक्का पिछाड़ै लतिया।

यही ठियां तौय ते दस्तखत मारो,
सोचै की छौ तनिक विचारौ,
अखनी चाहियौ वुतरू के कपड़ा
केना पहिनतै चिथरा-चुथरा।

तोरा खरच की खैनी वीडी,
अखनी कपड़ा ते छेवै करौ,
अैइतै दशहरा कपड़ा देभौ,
घरे द्वारी ते रहना ही छौ।

वुढुवा वुढ़िया के ढुकलै हुक्क,
पीटै छाटी नै छै वुक्क।
कुहरतें कुहरतें गेलै प्राण
आध घर टटिया सुन्नें मकान।