बेकार हो गया है
राग और रागिनियों का
गणित अब पहले का
संगीत से समाज को
नहीं बना सकता
तबले का वही-वही ठेका।
रचनाकाल: ३०-१२-१९७०
बेकार हो गया है
राग और रागिनियों का
गणित अब पहले का
संगीत से समाज को
नहीं बना सकता
तबले का वही-वही ठेका।
रचनाकाल: ३०-१२-१९७०