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बेचारे ब० ब० के बारे में / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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1

मैं, बैर्तोल्त ब्रेष्त, हूँ श्वार्त्सवाल्ड<ref>जर्मनी के बवेरिया प्रदेश में विशाल जंगली इलाक़ा। जर्मन भाषा में श्वार्त्स का
मतलब है काला, और वाल्ड का मतलब है जंगल।</ref> के जंगली इलाके का ।
मेरी माँ मुझको ढोकर लाई शहर में
जब मैं उसके पेट में था । और जंगलों की सर्दी
मौत तक मेरे अन्दर होगी हर पहर में ।

2

कोलतार का शहर बसेरा मेरा । शुरू ही से
चलते रहे सारे पवित्र क्रिया-करम :
अख़बार हो या तम्बाकू या जलती शराब ।
शक़्क़ी हूँ और आलसी और सन्तुष्ट परम ।

3

लोगों से मैं पेश आता हूँ दोस्ती से । पहनता हूँ
तना हुआ एक हैट, जो उनका रिवाज़ है भी ।
कहता हूँ : ख़ास गन्धाते जानवर हैं ये
और कहता हूँ : कोई बात नहीं, हूँ मैं भी ।

4

अपनी आरामकुर्सियों पर सुबह-सुबह
बैठा लेता हूँ कुछ औरतों को अपने साथ
देखता हूँ बेफ़िक्र उन्हें और कहता हूँ :
हूँ ऐसा कि रच नहीं सकती सपने साथ ।

5

जुटाता हूँ शाम को फिर पुरुषों का मज़मा
एक-दूसरे को कहते हम ‘श्रीमान’ तब
फैलाते हैं टाँग वे मेरी मेज़ पर
कहते हैं : दिन बेहतर होंगे. मैं पूछता नहीं : कब ।

6

पौ फटती जब चीड़ मूतते भुरहरे में
छिछोरे पंछी शुरू करते हैं चिल्लाना
ख़ाली करता उसी घड़ी में जाम अपना
फेंक तमाखू चाहता बेचैन सो जाना ।

7

एक छिछली नस्ल की मानिन्द बैठे रहे हम
भवनों में ऐसे, जो अटूट कहलाते
(ऐसे ही हमने भवन बनाए मैनहैटन द्वीप पर
और पतले एरियल, जो अतलान्तिक सागर को बहलाते) ।

8

इन शहरों में बचेगी : जो उनसे होकर गुज़री : हवा !
ख़ुश करे घर पेटू को : छोड़ा उसने कुछ नहीं ।
हमें पता है : हम भी हैं दरमियानी सिर्फ़
और जो हमारे बाद आएगा : उसकी भी कोई पूछ नहीं ।

9

भूचाल के वक़्त, जो आएँगे, उम्मीद है मुझे
सिगार अपना बुझने न दूँगा कटुता के साथ
मैं, बैर्तोल्त ब्रेष्त, कोलतार के शहर में फेंका हुआ
काले जंगल के इलाके से मुद्दत पहले अपनी माँ के साथ ।

1922

मूल जर्मन से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य

शब्दार्थ
<references/>