जवान होता बेटा 
जब उडारी भरने लगता है
दूर-दूर तक
तो माँ-बाप के
फ़ख्र का 
पार नहीं रहता ।
और बेटी 
जब पंख फैलाती है
तो माँ-बाप के
फ़िक्र का 
पार नहीं रहता ।
 
जवान होता बेटा 
जब उडारी भरने लगता है
दूर-दूर तक
तो माँ-बाप के
फ़ख्र का 
पार नहीं रहता ।
और बेटी 
जब पंख फैलाती है
तो माँ-बाप के
फ़िक्र का 
पार नहीं रहता ।