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बेरहम मार न डाले मुझ को तेरा ग़म / शैलेन्द्र
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बेरहम, मार डालेगा मुझको तेरा ग़म
अब तो आजा, मेरे बालम, अब तो आजा
ये समाँ, ओ सनम, बेबसी का ये आलम
अब तो आजा, मेरे बालम, अब तो आजा
हमने माना हमारा क़सूर है
देके दिल दर्द होता ज़रूर है
दर्द में मुस्कुराना सिखा जा, आजा
अब तो आजा, मेरे बालम, अब तो आजा
ज़िन्दगी चार दिन का है मेला
भीड़ में भी मेरा दिल अकेला
इस दिल को दिलासा दिला जा, आजा
अब तो आजा, मेरे बालम, अब तो आजा