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बेरा ना कद लेवण आवै मेरी मां का खास जमाई हे / मेहर सिंह

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हो रही सूं बेमार सखी ना करती असर दवाई हे
बेरा ना कद लेवण आवै मेरी मां का खास जमाई हे।टेक

जोबन म्हं भरपूर नूर मेरा बिन साजन के झड़्या हुआ
दिन रात बेचैन रहूं मैं नाग प्रेम का लड़्या हुआ
मैं सूं सोने का गुलदस्ता असल माल का घड़्या हुआ
देखलूं मूंह बालम का होज्या कला सवाई हे।

जिनके बालम धौरे ना उनकी मुश्किल सर्दी हो
गैर बीर के प्रेम म्हं फंसकै आया ना बेदर्दी हो
सासु नणद जेठाणी नै कदै ना चुगली करदी हो
कै किसै सौक राण्ड नै मेरी झूठी गवाही भरदी हो
सुभा का तेज घणा गर्म सै मेरी नणदी का भाई हे।

ठीक नहीं पीहर म्हं रहणा खानदान की छोरी नै
कद चमकैगा चांद मेरा हरदम आस चकोरी नै
खावणियां कद खावैगा इस धौली खाण्ड की बोरी नैं
फोड़नियां कद फोड़ैगा इस माटी की हाण्डी कौरी नैं
बिन बालम के गौरी नै भरनी पड़ै तवाई हे।

मुश्किल होज्या रात काटणी बिन बनड़े के सून्नी सूं
सेज का सोवणियां आज्या तै चमकूं दूणी दूणी सूं
चिकणा गात मेरा मैं असली घी नूणी सूं
आम सरौली पकी डाल की मीठी ना मैं अलूनी सूं
मेहर सिंह तूं रहा चला मेरा जोबन जहाज हवाई हे।