बैंजनी अन्धेरा / नजवान दरविश / अनिल जनविजय
और मेरे लिए अब, बस, इतना ही बचा है
कि मैं बैंजनी अन्धेरे के साथ रहूँ,
उस मिट्टी पर जहाँ मिथक भी
काँच की किरचों की तड़क-दरक जाते हैं।
कभी प्यार था मुझे इस मिट्टी से,
दरक गया जो उसी तरह
ज्यों मेरे वतन का चेहरा ।
अब मेरे हिस्से में आए लोग
भूतों में बदलते जा रहे हैं।
19 सितम्बर 2024
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Najwan Darwish
A Violet Darkness
And all that remains for me is to follow a violet darkness
on soil where myths splinter and crack.
Yes, love was time, and it too
splintered and cracked
like the face of our country.
My share of the people
is the transit of their ghosts.
September 19, 2024
Translated from Arabic by Kareem James
Abu-Zeid