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बैठो हाथी पै भाइयो रै थारै जी सा आवैगा / अमर सिंह छाछिया

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बैठो हाथी पै भाइयो रै थारै जी सा आवैगा।
बी.एस.पी. आई तो राज थारा ए आवैगा।...टेक

इस भारत का नया नक्शा बण जागा।
गिणे दिनां म्हं देश यो तरक्की कर जागा।
धन-दौलत इसम्हं इतणा बण जागा।
सारै संसार म्हं इसका रुक्का पड़ जागा।
सुधार थारा भी बण जागा जद कांशीराम आ जागा...।

सदा समो ना रह एकसी रंग न्यारा हो जागा।
या महंगाई रहणी कोनी, भा भी सस्ता हो जागा।
भूख देश म्हं रह कोनी रोजगार सबका हो जागा।
कोए किसे का गुलाम नहीं जोर बराबर हो जागा।
दुख तो उसनै हो जागा जो ऊपर तै नीचै आ जागा...।

उग्रवाद ना रह देश म्हं इनका सफाया हो जागा।
जो समर्थन करै इनका उसका भी नाश हो जागा।
डंडा बेड़ी घलै हथकड़ी बन्द जेल म्हं हो जागा।
बाजै सोट खड़ा उसका तकड़ा रमान्ड हो जागा।
जैसे भैंस देखै गाड़ी नै न्यूं खड़ा लखावैगा...।

इन सरकारां नै तो जुल्म ए कराया सै।
गरीबी खत्म करांगे यो भका कै मारा सै।
जिन्दगी भर ना उभर सकै यो उड़ै ऐ राख्या सै।
इन गरीबां की सुणने आला कांशीराम आया सै।
अमरसिंह छाछिया कहर्‌या भला सबका हो जागा...।