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बैल बियावै, गैया बाँझ / 30 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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सियारेॅ
शेर सेॅ शिकायत करलकै-
हमरी सियारनी बेहया होय गेली छै।
शेर नें सियारनी केॅ बोलैलकै
दहाड़ते हुएॅ पुछलकै-
तोरा मेॅ आदमी के गुण केना आवी गेलौ
ठीक सेॅ रहें
नैं तेॅ तोहें आदमी लुग
भेजी देलोॅ जैवै।
अनुवाद:
सियार ने
शेर से शिकायत की-
मेरी सियारनी बेवफा हो गयी
शेर ने सियारनी को बुलाकर
दहाड़ते हुए कहा-
तुममें आदमी का गुण कैसे आ गया
ठीक से रह
वरना तुम्हें आदमी के पास
भेज दिया जायेगा।