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बोतल बंद जिन्न / संतोष श्रीवास्तव

पूरी सावधानी के बावजूद
चित्रकार की गोपनीयता
सामने आ गई
अब वह कठघरे में था
इल्जाम था शो मैन के
चेहरे से खिलवाड़ का
चित्रकारी के प्रत्येक एँगल से
चेहरे को चित्रित किया गया था
शो मैन डुगडुगी बजाकर
ऐलान कर रहा था
आओ ले जाओ
बोतलबंद जिन्न को
हमने सारी तालीम देकर
जिन्न को बोतल बंद किया
बस बोतल खोलने का
हुनर चाहिए होगा
तभी होगी क़िस्मत बुलंद
अब इतना भी न कर पाए
तो विकासशील देशों की
बराबरी तक
दौड़ कैसे होगी पूरी
कठघरे में चित्रकार बेचैन था
शो मैन उसके बनाए
चित्रों की साज़िश का
(साजिश या सच्चाई ?)
शिकार था
अब कुछ नहीं हो सकता
चित्रों की लकीरें मिट नहीं सकती
धूसर रंगों की पनाह में भी
अब सदियाँ बीतेंगी
शो मैन को सही राह पर लाने की
तब तक किस्मतें बोतल बंद रहेंगी