बिन गोपाल ठगे से ठाढे अति दुरबल तन हारे॥ मात जसोदा पंथ निहारत निरखत साँझ सकारे। जो कोइ कान्ह-काह कहि बोलत ऍंखियन बहत पनारे॥ यह मथुरा काजर की रेखा जे निकसे ते कारे। 'परमानंद' स्वामि बिनु ऐसे ज्यों चंदा बिनु तारे॥
बिन गोपाल ठगे से ठाढे अति दुरबल तन हारे॥ मात जसोदा पंथ निहारत निरखत साँझ सकारे। जो कोइ कान्ह-काह कहि बोलत ऍंखियन बहत पनारे॥ यह मथुरा काजर की रेखा जे निकसे ते कारे। 'परमानंद' स्वामि बिनु ऐसे ज्यों चंदा बिनु तारे॥