Last modified on 26 मई 2020, at 05:49

ब्लैकआउट / पॉल एल्युआर / अनिल जनविजय

भई, हम क्या करते, हम ज्यों एक क़ब्र में रह रहे थे
भई, हम क्या करते, हम जर्मनों की पहरेदारी सह रहे थे
भई, हम क्या करते, उदास छायापथ भी ठण्ड से बह रहे थे
भई, हम क्या करते, दुख से दिल हमारे गिलगिला रहे थे
भई, हम क्या करते, हम भूख से बिलबिला रहे थे
भई, हम क्या करते, आख़िर पूरी तरह से निहत्थे थे हम
भई, हम क्या करते, रात की परछाइयों के होते हैं अपने ग़म
भई, हम क्या करते, एक-दूसरे से प्यार करते थे हम।

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय