जिस दिन मेरी कविताएँ 
मिट्टी से बनी थी
मैं अनाज का दोस्त था 
जब मेरी कविताएँ 
शहद हो गईं
मक्खियाँ मेरे होठों पर 
बैठने लगीं  
अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास
जिस दिन मेरी कविताएँ 
मिट्टी से बनी थी
मैं अनाज का दोस्त था 
जब मेरी कविताएँ 
शहद हो गईं
मक्खियाँ मेरे होठों पर 
बैठने लगीं  
अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास