भाग - 3 / मेरी प्रिय गीत पहेलियाँ / श्रीप्रसाद
सुबह-सुबह
सुबह-सुबह सजकर के आये
सारा दिन चमकाये
फिर उदास हो आसमान में
धीरे से छिप जाए।
उत्तर: सूरज
हरी चीज
हरी चीज खाई है मैंने
मगर हुआ मुँह लाल
तुम मत खाना, लेकिन मुझको
उत्तर दो तत्काल।
उत्तर: पान
पों-पों
पों-पों हर दिन आती है
पों-पों हर दिन जाती है
घर के बाहर पों-पों-पों
हर दिन शोर मचाती है
भैया पढ़ने जाताहै
इस पों-पों से पाँच बजे
नाम बताओ अब इसका
तभी रहेंगे बड़े मजे।
उत्तर: स्कूल बस
दस सिर
नाम नहीं मालुम है मुझको
उसने दस सिर पाये थे
भले-भले अनगिनती मानव
उसने बहुत सताये थे
जैसा किया, वही फल पाया
आखिर प्राण गँवाये ही
सेना लेकर राम बड़ी-सी
उसे मारने आये ही।
उत्तर: रावण
पानी लाये
नभ में आये, पानी लाये
काले कृष्ण कन्हैया हैं
भरते पानी से खेतों को
हर किसान के भैया हैं
खूब गरजते, आकर सजते
हो जाते रंगीन कभी
आज बरसते रहे रातभर
हवा उड़ा ले गई अभी।
उत्तर: बादल
पत्ते झरते
कैसा यह मौसम आयाहै
पत्ते झरते झर झर झर
पत्ते हरे हो गए पीले
पड़े हुए हैं इधर-उधर
सूखे सारे फूल बाग के
खोई सुंदरता सारी
लेकिन अब फिर से आएगी
पहले जैसी हरियाली
उत्तर: पतझड़
वहाँ न घर
लंबा-चौड़ा एक नगर
वहाँ न छप्पर, वहाँ न घर
मालिक चंदा भैयाहैं
तारे बिछे रुपैया हैं।
उत्तर: आकाश
रहे जुलाहे
बहुत बड़े कवि थे अपने ये
लेकिन रहे जुलाहे
ज्ञानभरी इनकी कविताएँ
कौन न गाना चाहे।
उत्तर: कबीरदास
चार पैर की
चार पैर की, चार पैर की
इस पर बैठे हम
और उठे हम तो फिर अंशू
आकर बैठा धम
लाओ मेज, पास में रक्खो
हमको पढ़ना है
तुको तो ऊधम करना है
और झगड़ना है।
उत्तर: कुरसी
उड़ता है
इसकी भी दो पाँखें होतीं
यह भी उड़ता है
क्या यह चिड़िया है, चिड़िया
जैसा ही मुड़ता है
मगर नहीं है चिड़िया, काफी
शोर मचाता है
बड़ी दूर तक कई-कई
देशों तक जाता है।
उत्तर: जहाज
लिखो कहानी
इससे कोई लेख लिखो या
इससे लिखो कहानी
या फिर लिखो एक चिट्ठी जो
पढ़ें तुम्हारी नानी
इससे ही हो रही पढ़ाई
इम्तहान सब होते
यही मदद करती है जिससे
ज्ञानवान सब होते।
उत्तर: कलम
क्या लेती
इसके ऊपर ताल बनाओ
इसके ऊपर नहरें
इसके ऊपर नदियाँ बहतीं
जिनमें उठतीं लहरें
कोई इसपर बाग लगाता
कोई करता खेती
यह सबको देती है सब-कुछ
पर किससे क्या लेती।
उत्तर: धरती