भाग - 6 / मेरी प्रिय गीत पहेलियाँ / श्रीप्रसाद
दंगल में जीते
पीते हैं, पीते हैं, पीते
सभी लोग पीते
इसको पीकर पहलवानजी
दंगल में जीते
देती गाय, भैंस देती है
बकरी देती है
दीदी उठकर रोज सुबह
बकरी दुह लेती है।
उत्तर: दूध
करे हवा
घूम-घूमकर करे हवा
कमरे भर में भरे हवा
चलता बटन दबाने पर
सर-सर-सर-सर- फर-फर-फर
गरमी दूर भगाता है
सन-सन चक्कर खाता है
जाड़े में चुप होता है
पूरा जाड़ा सोता है।
उत्तर: पंखा
गेंदें
बड़ी-बड़ी गेंदे लटकी हैं
मीठे-मीठे पानी की
ढेला फेंक-फेंक सोनू ने
देरी तक शैतानी की
लेकिन गेंदें नहीं टूटकर
ऐसे नीचे आ पाईं
देख लिया दादी ने उसको
काफी ज्यादा गुस्साईं।
उत्तर: नारियल
धूल उड़ाई
बड़ी जोर की धूल उड़ाई
पेड़ गिराये धम
चारों ओर शोर कर आई
टूटी बेल नरम
घर में, मैदानों, बागों में
अँधियारी छाई
मगर बाद में हलकी-हलकी
बूँदें भी लाई
बरसा के पहले आती है
यह तूफान बनी
फिर आती है घटा जोर की
काली घनी-घनी।
उत्तर: आँधी
गड़-गड़
बरसाते हैं झम-झम पानी
काले-काले-काले
सबने अपने पीले छाते
नीले, लाल निकाले
गड़-गड़-गड़ गाना गाते हैं
बिजली चमकाते हैं
हाथी भालू बकरी बंदर
बन करके आते हैं।
उत्तर: बादल
यह डिब्बा
बहुतबड़ा है यह डिब्बा
चिट्ठी खाता जाता है
जिसकी चिट्ठी होती है
यह उसको पहुँचाता है
सुंदर-सा है मुँह इसका
जिसमें चिट्ठी पड़ती है
फिर चिट्ठी बाहर आती
फिर वह आगे बढ़ती है
हम सब चिट्ठी पाते हैं
कितने खुश हो जाते हैं
चिट्ठी लिखते हैं चाचू
जब दिल्ली से आते हैं।
उत्तर: लेटरबाक्स
भन-भन
बना रही हैं अपना छत्ता
एक साथ सब भन-भन-भन
बड़ी मेहनती हैं, छत्ते में
लगा हुआ है सबका मन
इसमें ही ये शहद रखेंगी
शहद सभी को भाता है
भैया रोटी रोज शहद से
खाकर पढ़ने जाता है।
उत्तर: मधुमक्खी
लाल-लाल
तालाबों में यह खिलता है
लाल-लाल भूरा-भूरा
और रंग भी हैं, इनसे
तालाब सजा पूरा-पूरा
पानी में धँसकर पाओगे
फूल खूबसूरत है ये
लगता कोई परी खड़ी है
उसकी ही मूरत है ये।
उत्तर: कमल
सूरत जाए
सीटी देकर सूरत जाए
जयपुर जाए, जामनगर
चालक इसे चलाये छुक-छुक
वह ले जाए रामनगर
तुम भी बैठो, हम भी बैठें
पहले टिकट कटाएँ हम
तब बैठें डिब्बे के अंदर
छुक-छुक-छुक-छुक जाएँ हम।
उत्तर: रेल
जोत रहे हैं
जोत रहे हैं खेत हमारा
कंधे पर है जूआ
इन्हें पिलाना है अब पानी
यहीं पास है कूआ
बड़े मेहनती हैं, ढोते हैं
सब सामान हमारा
खुश हो करके भूसा खाते
खुश हो करके चारा।
उत्तर: बैल