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भाग - 7 / मेरी प्रिय गीत पहेलियाँ / श्रीप्रसाद

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पाते हैं पूजा

सीताजी को जाकर खोजा
सागर पार किया
रामचंद्रजी ने रावण का
तब संहार किया

गदा लिये रहते हैं हरदम
पाते हैं पूजा
इनके जैसा कौन देव है
दुनिया में दूजा।
उत्तर: हनुमान

बात जरा-सी

तोते का प्यारा खानाहै
लेकिन मेरी सी-सी है
इसका उत्तर दे सकते हो
यह तो बात जरा-सी है।
उत्तर: मिर्च

हम पढ़ते हैं

मेरे बस्ते के भीतर है
और मेज पर धरी हुई
हम पढ़ते हैं, तुम पढ़ते हो
तस्वीरों से भरी हुई।
उत्तर: पुस्तक

सुबह हुई

सुबह हुई, प्याले में आई
पीओ गरम-गरम
दादी देती हैं, पीते हैं
एक साथ सब हम

और शाम को भी पीते हैं
तब लाती हैं माँ
एक गीत भी इसका
मीठा-सा गाती हैं माँ।
उत्तर: चाय

दादा पढ़ते हैं

सुबह रोज दादा पढ़ते हैं
बतलाता हर एक खबर
पाँच बजे ही हाकर आकर
दे जाता है मेरे घर

दादी पढ़तीं, सब पढ़ते हैं
घर में दुनिया आती है
कोई घटना कहीं घटी हो
इसमें चट छप जाती है।
उत्तर: अखबार

हरे रंग का

हरे रंग का एक खिलौना
हरियाली है प्यारी
पेड़ों के पत्तों जैसी ही
हरियाली है सारी

लाल फूल-सी लाल चोंच है
लाल गले में रेखा
मैंने उसको आज सवेरे
मुँडेरे पर देखा।
उत्तर: तोता

उड़ता है पक्षी

अगल-बगल होती हैं पाँखें
तब उड़ता है पक्षी
इसकी पाँखें लगीं पीठ पर
बात हुई यह अच्छी

बात खूब है यह भी देखो
चट ऊपर उठ जाता
फिर पक्षी-सा आसमान में
सर-सर दौड़ लगाता

जहाँ उतरना होता इसको
आ जाता है धम से
अगर समझ में तुम्हें न आया
तो फिर पूछो हमसे।
उत्तर: जहाज

होली खेली

आसमान में होली खेली
खूब गुलाल उड़ाया
कली-कली को, फूल-फूल को
आकर तभी खिलाया

बना आग का गोला दिन में
ढला शाम के आते
मैंने देखा है पेड़ों के
पीछे उसको जाते।
उत्तर: सूरज

धोती है

धोती के ऊपर धोती है
धोती पर है धोती
गोल-गोल धोती की गठरी
पर यह सब्जी होती

लेकिन इसमें एक दोष है
सबको गंध न भाती
फिर भी बड़ा स्वाद ले-लेकर
दुनिया इसको खाती।
उत्तर: प्याज

हम भी पढ़ लें

तुम भी पढ़ लो, हम भी पढ़ लें
इसमें एक कहानी है
और कहानी में अच्छी-सी
बूढ़ी-बूढ़ी नानी है

कविता भी है, तसवीरें हैं
मिलकर सभी पढ़ेंगे हम
खुशी मिलेगी, ज्ञान मिलेगा
मिलकर सभी बढ़ेंगे हम।
उत्तर: पुस्तक

उड़ता फिरता

दिया देह पर धरे हुए है
उड़ता फिरता इधर-उधर
पंखों से रोशनी निकलती
एक किरन जैसी सुंदर

या मशीन है कोई जिसको
उड़ते हुए चलाता है
कभी रोशनी बुझा रहा है
या फिर कभी जलाता है।
उत्तर: जुगनू