भारती के लाल हैं हम
हिन्द की करवाल हैं हम। 
दुश्मनों के सामने तो
विप्लवी, विकराल हैं हम। 
काल क्या कर लेगा, देखो
काल के भी काल हैं हम। 
शान्ति के जो हैं पुजारी
उन सबों की ढाल हैं हम। 
छिप नहीं सकता है कोई
छानते पाताल हैं हम। 
अस्मिता के सामने तो
काटते हर जाल हैं हम।