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भालू / एस. मनोज
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उछल कूद अछि कयने चालू
करिया भालू गड़ामे पट्टा
देखहीं लागैत अछि अलबत्ता
मॉथ पर टोपी देहमे अंगा
नाचैत अछि सौंसे दरिभंगा
डमरू जखनहि बाजैत अछि
तखनहि नाच देखाबैत अछि
घूमि घूमि के नाच देखाबय
नाच देखाके पाय कमाबय