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भूख / दिनेश कुमार शुक्ल

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खँडहरों वाले पड़ोस में
बचपन
बीता होता आपका
तो समझ सकते थे आप
काली और लाल मकोय के
स्वाद में मौजूद
स्वाद के फ़र्क़ को

अगर आप दोस्त होते
जुड़वा भाइयों के
तो दोनों की भयानक समानता में
हँसती, एक की अपरूपता को
पकड़ लेते आप

आप छू कर ही
बता सकते थे
दूज और तीज की
चाँदनी के वज़न का फ़र्क़
बनी रहती आप में अगर
चाँद को देख कर
पागल हो जाने की लत

अब
जब आप
समझदार, सभ्य, संयमी
सभाचतुर सभासद हैं
तो क्या समझ पाएँगे आप
भूख और भूख के बीच के
फर्क को!