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भूख / दीप नारायण

ओ अबैत छल
आ हम ओकरा
मारि दैत छलियै

ओ फेर अबैत छल
हम ओकरा
फेर मारि दैत छलियै

हम ओकरा
मारैत रहलियै
ओ जीवित होइत रहल
बेर-बेर

मुदा,
एक दिन कोनटा धयने आएल
पायर बाइग क' आ
हमरे मारि देलक
भूख।