धँसा है आसमान
पर्वत के सीने पर चट्टानों में
धब्बे हैं मटमैले
पानी का सतरंगा मुख दरका है
यादों का
झाँक रहा खुल पड़ता
परतों से
चट्टानी इच्छा का।
धँसा है आसमान
पर्वत के सीने पर चट्टानों में
धब्बे हैं मटमैले
पानी का सतरंगा मुख दरका है
यादों का
झाँक रहा खुल पड़ता
परतों से
चट्टानी इच्छा का।