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भूदृश्य-4 / ये लहरें घेर लेती हैं / मधु शर्मा

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नीले पर नीले की
छाया है
धूसर को जाता श्याम
सलेटी काले पर,
पावें हैं आसमान की ठहरी
समय के बीच बँधी

धीरे-धीरे जल बहता है।