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भूपेन हजारिका / परिचय

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भूपेन हजारिका

जीवन परिचय

भुपेन हजारिका (8 सितंबर, 1926- ५ नवम्बर २०११) भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम से एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे। इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे थे। हजारिका का जन्म असम के सादिया में हुआ था। बचपन में ही उन्होंने अपना प्रथम गीत लिखा और दस वर्ष की आयु में उसे गाया। साथ ही उन्होंने असमिया चलचित्र की दूसरी फिल्म इंद्रमालती के लिए १९३९ में बारह वर्ष की आयु मॆं काम भी किया।

हजारिका ने करीब 13 साल की आयु में तेजपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। आगे की पढ़ाई के लिए वे गुवाहाटी गए। 1942 में गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से इंटरमीडिएट किया। 1946 में हजारिका ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम ए किया। इसके बाद पढ़ाई के लिए वे विदेश गए। न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की।

श्रेष्ठतम सांस्कृतिक दूत

वे भारत के ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम जीवित सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया।

भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों दिलों को छुआ। हजारिका की असरदार आवाज में जिस किसी ने उनके गीत "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" सुना वह इससे इंकार नहीं कर सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला। अपनी मूल भाषा आसामी के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते रहे थे। उनहोने फिल्म "गांधी टू हिटलर" में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।ण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम जीवित सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया।विलक्ष

भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों दिलों को छुआ। हजारिका की असरदार आवाज में जिस किसी ने उनके गीत "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" सुना वह इससे इंकार नहीं कर सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला। अपनी मूल भाषा आसामी के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते रहे थे। उनहोने फिल्म "गांधी टू हिटलर" में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।

सम्मान

हजारिका को 1975 में सर्वोत्कृष्ट क्षेत्रीय फिल्म के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार, 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें 2009 में असोम रत्न और इसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, 2011 में पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

कुछ गीत

सोम अमार रूपाहि ऑटोरिक्शा चलाओ बिश्टिर्ना पड़ारे दिल हूम् हूम् करे (हिन्दी फिल्म रुदाली (१९९३ फिल्म) के लिए) गजगामिनी (शीर्क गीत) गंगा बिस्तीर्ण दुपारे आमि एक यायाबर मानुष मानुषेर जन्ये प्रतिध्बनि शुनि सागर सङ्गमे आज जीबन खुँजे पाबि मानुहे manuhar babe jodihe okono nabhabe मोइ एटि जजबार ओ बिदेशी बंधु दुर्भगिया Saisabate Dhemalite समय ओ धीरे चलो (हिन्दी फिल्म रुदाली (१९९३ फिल्म) के लिए) समोयार अग्रगति Sira jugamiya dhou tuli

चलचित्र

१९३९ -- इन्दुमालती १९४८ -- सिराज १९५५ -- पिओलि फुकान १९५६ -- एरा बातोर सुर १९५८ -- माहुत बन्धु रे १९६१ -- शकुन्तला सुर १९६४ -- प्रतिध्बनि १९६४ -- का स्बरिति १९६६ -- लाटि-घाटि १९६९ -- चिक मिक बिजुलि १९७३ -- तितास एकटि नदीर नाम १९७३ -- आरोप १९७४ -- फर हुम द्य सान शाइनस १९७५ -- चामेलि मेमसाहेब १९७६ -- रुप कोँय़ार ज्योतिप्रसाद आरु जय़मती १९७६ -- मेरा धरम मेरि मा १९७७ -- थ्रु मेलॉडी ऐण्ड रिदम १९७७ -- सीमाना पेरिय़े १९७९ -- मन-प्रजापति १९७९ -- देबदास १९८२ -- अपरूपा १९८६ -- स्बीकारोक्ति १९८६ -- एक पल १९८८ -- सिराज १९९३ -- रुदाली १९९३ -- प्रतिमूर्ति १९९७ -- दो राहे १९९७ -- दर्मिय़ाँ: इन बिटुइन १९९८ -- साज २००० -- गजगामिनी २००१ -- दमन: आ भिक्टिम अफ मेट्रिय़ाल भाय़ोलेन्स २००३ -- किउँ? २००६ -- चिङ्गारि