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भूमिगत रेलमार्ग / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / कार्ल सैण्डबर्ग

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साए की दीवारों के बीच जाते हुए
जहाँ कठोर कानून करते हैं सख़्ती,
भूखी आवाज़ें करती हैं उपहास।

सफ़र करते थके लोग
विनम्रता में झुके कन्धों के साथ,
परिश्रम में मिला देते हैं
अपनी खिलखिलाहटें।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा 'एतेश'