शिशु
इस साल
कुछ बड़ा हो गया है
लड़खड़ाकर 
चलने लगा है
पत्थर के टुकड़ों 
से खेलता है
उन्हीं से 
चोट खाकर 
पत्थर उठाती माँ 
की गोद में 
बैठने की आस में 
जाता है
झिड़की खाता है
रोते हुए फिर पत्थरों से 
खेलने लग जाता है।
शिशु
इस साल
कुछ बड़ा हो गया है
लड़खड़ाकर 
चलने लगा है
पत्थर के टुकड़ों 
से खेलता है
उन्हीं से 
चोट खाकर 
पत्थर उठाती माँ 
की गोद में 
बैठने की आस में 
जाता है
झिड़की खाता है
रोते हुए फिर पत्थरों से 
खेलने लग जाता है।