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भोला शंकर-2 / कुमार सुरेश
Kavita Kosh से
शिशु
इस साल
कुछ बड़ा हो गया है
लड़खड़ाकर
चलने लगा है
पत्थर के टुकड़ों
से खेलता है
उन्हीं से
चोट खाकर
पत्थर उठाती माँ
की गोद में
बैठने की आस में
जाता है
झिड़की खाता है
रोते हुए फिर पत्थरों से
खेलने लग जाता है।