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भौंहे रंगना ही मेरा मुख्य काम है / हालीना पोस्वियातोव्स्का / अनिल जनविजय

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भौंहे रंगना ही मेरा मुख्य काम है
भौंहों को रंगने का ध्यान हमेशा मन में रहता है
डरी हुई औरतों की तरह
अपनी सतर्क आँखों से मैं दर्पण को छेदती हूँ

अपनी कोठरी के एक कोने में मैं गुज़ारती हूँ सुबह
मोड़ पर पहुँचकर पार करती हूँ सड़क
फफून्द लगी कमज़ोर उँगलियों से कौल भरती हूँ रेत का
दीवारों और फ़र्श में बड़ी दरारें और चौड़ी हो जाती हैं

टूट-फूट रही हैं सड़कें, उखड़ रही हैं
पृथ्वी के चारों कोनों में सीटी बजाती हवा
आँख-मिचौली खेल रही है उनके साथ

मेरे चेहरे पर लहरा रहे हैं मेरे बाल
मैं देख रही हूँ कैसे पत्थर
ओढ़ रहे हैं घास का कफ़न

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय

और लीजिए, अब यही कविता मूल पोल भाषा में पढ़िए
               Halina Poświatowska

moim glownym zajeciem jest malowanie brwi
maluje brwi ze skupieniem
tak to czynia kobiety juz przelekle
nakluwajace luster powierzchnie uwaznym spojrzeniem
                
naroznik kamienicy ktora mijam kazdego rana
zakret ulicy ktora przechodze
watle palce plesni obejmuja ziarna piasku
rosna szpary w scianach ogromnieja szpary w podlodze
                
krusza sie rozsypujace ulice
wiatr je w cztery strony niesie
wiatr sie z nimi w chowanego bawi
                
nagarniajac wlosy na policzki
patrze jak kamienie porastaja w trawy

1960's