भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मई के इन चमकदार दिनों में / इवान बूनिन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: इवान बूनिन  » संग्रह: चमकदार आसमानी आभा
»  मई के इन चमकदार दिनों में

मई के
इन चमकदार दिनों में
जब राह के दोनों ओर खड़े पेड़
सफ़ेद रंग छिड़कते हैं राह पर
और छायादार पथों पर
हवा सरसराती है अपने पूरे रंग में
पत्तियों कि बौछार कर
बेल-बूटे बनाती है
मैं गाँव-गाँव बसे
युवा कवि-कवयित्रियों को
भेजता हूँ अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ-

जीवन अभिवादन करे
स्नेह से उनका
वसंत का यह दिन उन्हें
चमक दे अपनी
उनके मन में बसे
सब सपने खरे हों
और पूरी तरह
इस श्वेताभ दिन की
आभा से भरे हों

(1900)

मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय