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मछलियाँ / अमित कुमार अम्बष्ट 'आमिली'
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गाँव की पोखरी की
अल्हड़ मछलियों को
नायाब शहर के
महासागर तक
पहुंचने का झांसा दो,
तो वे स्वयं ही
निकल पड़ती हैं साथ-साथ
सवार होकर,
किसी बड़े ट्रांसपोर्टर के
ट्रक में बैठ
नये सपने संजोए !
कई बार तो
दूसरे मुल्क को भी
एक्सपोर्ट कर दी जाती हैं
जाल में फंसी
बक्साबंद मछलियाँ।
फिर उनके
नर्म माँस का भूना जाना
या फिर
तरी लगाकर
स्वादिष्ट बनवाना तो जैसे
पूर्व नियोजित
नियति है मछलियों की !
और है बायें हाथ का खेल
मछुआरे का