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मतलब / मनीष मूंदड़ा
Kavita Kosh से
रोशनी का असल मतलब
अब समझ में आ रहा हैं
जब, दिन बस अब ढलने को हैं
सपनों का असल मतलब
अब समझ में आ रहा हैं
जब, सपने बस अब टूटने को हैं
घर होने का असल मतलब
अब समझ में आ रहा हैं
जब, अपना यह घर बस टूटने को हैं
तुम्हारे होने का असल मतलब
अब समझ में आ रहा हैं
जब, तुम्हारा मन बस अब निकल चलने को हैं
साथ चलने का असल मतलब
अब समझ में आ रहा है
जब, साथ बस अब छूटने को है
जि़ंदगी का असल मतलब
अब समझ में आ रहा हैं
जब, जि़ंदगी बस अब खत्म होने को हैं
समझने, समझाने में आखिर इतनी देर क्यूँ हो जाती हैं?