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मतवाला प्यार / दीनानाथ सुमित्र
Kavita Kosh से
गंगा यमुना वाला प्यार हमारा है
इसीलिए मतवाला प्यार हमारा है
यहाँ विसंगम होने की दरकार नहीं
सरस्वती होने को हम तैयार नहीं
मस्जिद और शिवाला प्यार हमारा है
गंगा यमुना वाला प्यार हमारा है
इसीलिए मतवाला प्यार हमारा है
एक चन्द्रिका में हम साथ नहाते हैं
गीत प्राण के ही हम हर पल गाते हैं
प्रातः का उजियाला प्यार हमारा है
गंगा यमुना वाला प्यार हमारा है
इसीलिए मतवाला प्यार हमारा है
सीता-राम हमीं में बसते रहते हैं
राधा-कृष्ण हमीं में हँंसते रहते हैं
मीठा वंशी वाला प्यार हमारा है
गंगा यमुना वाला प्यार हमारा है
इसीलिए मतवाला प्यार हमारा हैै