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मनाोरथ / केदारमान व्यथित
Kavita Kosh से
यहाँ प्रस्तुत भैरहेका
मेरा शब्दहरुमै
अभिव्यक्त भैरहून मानिसहरु प्रत्येककै
मुटुका ढुकढुकीहरु ।