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मन बोद / ललित केशवान

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मन बोद गीत लगौंदु रौं मी
मैत कि डांडी कांठ्यों मा
बुलेंद झुमैलो लगौंदु रौं मी
मैत कि बाठी-बाठ्यों मा
मन बोद घुघती सी घुरदु रौं मी।
मैत कि डाळी ब्वटळ्यों मा
मन बोद घ्यंडुडी सी रिटदु रौं मी।
मैत कि चैक ड़िड्ळ्यों मा
मन बोद चोळी सी बसदु रौं मी।
मैत कि वलि-पलि खोळ्यों मा
मन बोद म्वारी सी चिप्टीं रौं मी।
मैता कि बाड़ी सगाड्यों मा
मन बोद पाणी सी बग्दो रौं मी।
मैत कि गाड़-गदीन्यों मा
मन बोद कुयेड़ी सी लौंकदु रौं मी।
मैत कि उचि निशि डाड्यों मा।।