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मन रे कोई गीत गा / शशि पाधा

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टूटे न विश्वास कोई
घेरे न अवसाद कोई
बाँधे न विराग कोई
गीत गा -
राग भरा कोई गीत गा


नील गगन का खुला वितान
पंछी सा भर ले उड़ान
तारों से कर ले पहचान
गीत गा--
कोकिल सा मृदु गीत गा

लहरों के संग बह ले आज
किरणें अंजुरि भर ले आज
बदली सा तू झर ले आज
गीत गा---
रिम झिम सा कोई गीत गा

शब्द मौन हो जाएँ न
भाव कहीं खो जाएँ न
तार कहीं सो जाएँ न
गीत गा---
सुर सरगम सा गीत गा

बीहड़ जंगल राह भुलाए
घोर अंधेरा घिर- घिर आए
अमा सारे दीप बुझाए
गीत गा --
उजियारों के गीत गा