मन-ही-मन करता हूँ संसार
मन ही मन
कॉफ़ी बनाकर लाता हूँ दो कप
मन ही मन
एक टेबिल पर खाने बैठे
हाथ से
भात परोस देता हूँ तुम्हारी थाली में...
सब कुछ मन ही मन,
इसीलिए कर रहा हूँ
सिर्फ़ संसार
दग्ध नहीं होता हूँ
संसार की ज्वाला से
मूल बाँगला भाषा से अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी