मरता हुआ सैनिक : कुछ छवियाँ / सॉनेट मंडल / तुषार धवल
1.
एक थके हुए सिर पर अनिच्छा से टिका हुआ कॉम्बैट हेल्मेट
और गर्भ में गोलियाँ रखी हर वक़्त चौकन्नी एक बन्दूक
एक दूसरे से टिके हैं अनसुलझे अनुशासन में
एबसर्ड और अद्भुत का अनोखा मिश्रण।
2.
आँखें टिकी हुईं उगती सुबह पर, जो अपने दिल में सूरज लिए
रस भरे बादलों की उनींदी छाया को सोख लेती है
आँखें झपकती हैं छुई-मुई की तरह जब विचार मर रहे होते हैं
घुसेड़ी गई देश भक्ति की सरहद पर।
3.
धुएँ की चादर पीछा करती है कहीं बहुत दूर हुए हवाई हमलों की
और ऊपर बादल अपनी गरज से चीख़ती दलीलों को दबा रहा है
एक थकी कल्पना म्यूज़िकल नोट्स की तरह उठती और गिरती है
यथार्थ की डोर पर, जो बोझिल निर्जनता में बक्सा-बन्द है।
4.
एक अविश्वासी हाथ सिगरेट जलाता है और पथराव करता है
पास के किसी गड्ढे से, त्यौरियाँ चढ़ाता है तय परिणाम पर
एक जोड़ा युद्धरत होंठ भुनभुनाते हैं बचपन का कोई गीत
भटकते हुए धुएँ से एक मनहूस बवण्डर उठता है।
5.
वह सिर पड़ा है बेजान, उसकी आँखें अब भी जड़ी हुईं इस होती सुबह पर
वह बन्दूक अगले साथी के इन्तज़ार में है और हेलमेट ढुलक आया है
वह मरा सा गड्ढा लगभग सूखा हुआ अब और पानी नहीं दे पाता
और वह बहता खून भी उसे भर नहीं पाता।
6.
अपने शैशव में एक परिवार खेलता है घर में, बेखबर
तर्क टूटी दीवारों को खरोंचते हैं, रास्ता खोजते
इन जादुई बन्दूकों को पॉप कल्चर से मिटा देने का
पीड़ा की बिखरी रेत में आशा की मरीचिका मुस्काती है।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : तुषार धवल