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महँगू की टाई / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
Kavita Kosh से
महँगू ने महँगाई में
पैसे फूँके टाई में,
फिर भी मिली न नौकरी
औंधे पड़े चटाई में!
गिट-पिट करके हार गए
टाई ले बाजार गए,
दस रुपये की टाई उनकी
बिकी नहीं दो पाई में।