महंगाई बढ़ती जावै रोजाना मुश्किल हुया गुजारा हे / रणवीर सिंह दहिया
महंगाई बढ़ती जावै रोजाना मुश्किल हुया गुज़ारा हे॥
अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे॥
1.
चीनी लागै घणी कड़वी जिब साठ की किलो आवै
टमाटर दिखें सपने के म्हाँ जिब पचास का भा लावै
मुश्किल तैं परिवार खा हो मूंह का स्वाद खारया हे॥
अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे॥
2.
किसान खेत मैं मूली मेहनत करकै नै उगावै हे
दस रूपये धड़ी मन्डी मैं आढ़ती बोली लगावै हे
जिब खरीदां दुकान पै किलो की क़ीमत बारा हे॥
अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे॥
3.
किसान मरै-मरै उपभोक्ता बिचौलिया धन कमावै
किसा सिस्टम बणा राख्या देखो निठल्ला मौज उड़ावै
मेहनत करने आले का क्यूं फूट्या पड़या ढारा हे॥
अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे॥
4.
सिस्टम के छल समझें यो पहला काम ज़रूरी सै
सही समझ बनाये बिना लड़ाई रहवै या अधूरी सै
रणबीर नै बिचौलिया डराते फेर भी क़लम चलारया हे॥
अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे॥