महात्मा गाँधी
सत्य और अहिंसा की मूर्ति
जिसके सत्याग्रह ने
साम्राज्यवाद को भी मात दी
जिसने भारत की मिट्टी से
एक तूफ़ान पैदा किया
जिसने पददलितों और उपेक्षितों
की मूकता को आवाज़ दी
जो दुनिया की नज़रों में
जीती-जागती किवदंती बना
आज उसी गाँधी को हमने
चौराहों, मूर्तियों, सेमिनारों और क़िताबों
तक समेट दिया
गोडसे ने तो सिर्फ़
उसके भौतिक शरीर को मारा
पर हम रोज़ उसकी
आत्मा को कुचलते देखते हैं
ख़ामोशी से ।